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रिपोर्ट: अंकित कुमार सिंह
सीवान. बिहार के सीवान में यूरिया कालाबाजारी का मामला चरम पर है. जिले में यूरिया उपलब्ध होने के बावजूद किसानों को मिल नहीं पा रहा है. सुबह से लेकर शाम तक लाइन में लगने के बावजूद किसानों को निराशा होना पड़ रहा है. वहीं कई किसान तो उत्तर प्रदेश से यूरिया लाकर अपने खेतों में डाल रहे हैं. जिले के विभिन्न दुकानों पर दोगुने-तीन गुने में यूरिया बेची जा रही है. बावजूद इसके किसानों को नहीं मिल पा रहा है. बिस्कोमान गोदाम पर भी कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसकी शिकायत डीएम अमित कुमार पांडे को मिल रही थी. शिकायत मिलने के बाद डीएम अमित कुमार पांडेय गोदामों का जांच करना शुरू कर दिया है.जिससे पदाधिकारियों व अधिकारियों का हाथ-पांव फूलने लगे हैं.
डीएम अमित कुमार पांडे कालाबाजारी मामले की जांच करने सबसे पहले जिले के बसंतपुर बिस्कोमान गोदाम पर पहुंचे. जहां पहले से सैकड़ों किसान लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. बिस्कोमान इंचार्ज आधार जमा कराकर मशीन से फिंगर लेकर यूरिया का वितरण कर रहे थे. डीएम के आगमन होते ही किसान डीएम से मुखातिब होकर यूरिया समय से नहीं मिलने की शिकायत करना चाहते थे. हालांकि डीएम गाड़ी से उतरने के बाद अंदर गए और रजिस्टर को चेक किया तथा गोदाम में रखे गए यूरिया के स्टॉक का मिलान किया तो संतोषजनक पाया. जिसके बाद दिशा निर्देश देकर जिला मुख्यालय लौट गए.
एक-एक कर जिले के सभी बिस्कोमान गोदामों की होगी जांच
सीवान जिले में कुल 7 बिस्कोमान गोदाम है. जिसमें गुठनी, मैरवा, अंदर, बसंतपुर, बड़हरिया, जिला कृषि कार्यालय सीवान और गोरियाकोठी बिस्कोमान गोदाम शामिल हैं. जिले के इन बिस्कोमान के गोदामों पर यूरिया उपलब्ध होने के बावजूद किसानों को नहीं मिल पाया. जिसकी शिकायत पर डीएम अमित कुमार पांडे ने बसंतपुर बिस्कोमान गोदाम का जांच कर चुके हैं. वहीं अब जिले के एक-एक कर सभी 7 बिस्कोमान गोदामों का जांच करेंगे. डीएम के फरमान के बाद बिस्कोमान गोदाम के संचालक में दहशत का माहौल हो गया है.
कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने में लगे हैं संचालक
डीएम के जांच की जानकारी मिलने के बाद बिस्कोमान संचालकों के द्वारा कागजी प्रक्रिया पूरी करने की कवायद में जुट गए हैं. अपने स्टॉक का मिलान कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं तथा किसानों में यूरिया वितरण करने की गति को भी तेज किए हुए है. बावजूद इसके किसानों को मायूसी हाथ लग रही है.जिले में अब भी लगभग 2 हजार मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है.
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Tags: Urea crisis
FIRST PUBLISHED : January 14, 2023, 08:55 IST
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